राजस्थान में, कोटा में एक छात्र ने फांसी लगाई और छात्र ने आत्महत्या कर ली है। यह 16 साल का छात्र जेईई की तैयारी कर रहा था। उसने मंगलवार को खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि एक दिन पहले ही उसका रिजल्ट आया था,
जिसमें उसे बहुत कम अंक प्राप्त हुए थे। छात्र ने फांसी लगाई यह कोचिंग हब में इस साल का तीसरा मामला है। पिछले साल, कोटा परीक्षा की तैयारी कर रहे 27 छात्रों की आत्महत्या की खबरें आई थीं।आज कल बच्चे किसी चीज को लेके बहुत जल्दी हिम्मत हर जाते है आज के समय की सब से गलत बात देखि जा रही है पेरेंट्स की दबाब शिक्षण संसथान के दबाओ से इतना ज्यादा सिमट गए है स्टूडेंट या तो वो डिप्रेशन’में चले जाते है या पूरी तरह से टूट कर खुद को ख़त्म;कर लेते है घर परिवार के लोगो को हमेशा बच्चो का ख्याल रखना जरुरी उसके मानसिक हालत को जांचना जरुरी हो गया है ,
छात्र ने फांसी लगाई
पुलिस ने मंगलवार को हुई घटना की जानकारी देते हुए बताया कि छात्र छत्तीसगढ़ का निवासी था और वह वर्तमान में कोटा के महावीर नगर में एक हॉस्टल में रह रहा था। वहाँ उसने पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने बताया कि घटना सुबह 3-4 बजे की है। सुबह जब परिवारवालों ने उसे फोन किया तो उसने फोन नहीं उठाया, जिसके बाद परिवारवालों ने परेशान होकर हॉस्टल वार्डन को कॉल किया।
एक दिन पहले ही आया था रिजल्ट
स्टूडेंट के परिवारवालों का कॉल आने के बाद वॉर्डन कमरे में पहुंची और छात्र को पंखे से लटका पाया। इसके बाद उसने तुरंत छात्र के परिवारवालों को घटना की जानकारी दी। डीएसपी ने बताया कि छात्र पिछले दो साल से कोटा में पढ़ाई कर रहा था। एक दिन पहले ही उसका रिजल्ट आया था जिसमें उसे बेहद कम अंक मिले थे जिसके लिए soside कर लिया स्टूडेंट ने इसके पीछे यही कारन बताया जा रहा है बाकि पुलिस की जाँच चल रही है जाँच ख़त्म होने के बाद सचाई सामने आएगी क्या वजह रही है जिसके वजह से फांसी लगाई छात्र ने ।
पंखे नहीं लगाए गए स्प्रिंग-लोडेड पंखे?
police ने कहा कि मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ और छात्र के माता-पिता को उसकी मौत के बारे में जानकारीदे दी गयी है । उन्होंने कहा, “हम यह भी जांच कर रहे हैं कि छात्रावास ने जिला प्रशासन के दिशानिर्देशों के अनुसार स्प्रिंग-लोडेड पंखे क्यों नहीं लगाए जब की परसासन ने पहले ही यह निर्देश जारी किया हुवा है हॉस्टल में स्प्रिंग फैन लगाने जरुरी इस फैन से ये होता है अगर वजन आएगा फैन के ऊपर तो वो नीचे की तरफ डाउन चला जायेगा जिससे फांसी लगाना इंपॉसिबल हो जाता है लेकिन इस हॉस्टल में वो पंखे देखने को नहीं मिले ।”
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट भगवत राठौड़
ने कहा कि पुलिस रिपोर्ट में दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर हॉस्टल प्राधिकरण के खिलाफ जांच शुरू की जाएगी। पिछले साल छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच, जिला प्रशासन ने 18 अगस्त को सभी हॉस्टलों और पेइंग गेस्ट (पीजी) आवासों को “छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए” कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने का आदेश दिया था।
उसके बाद इस नियम को नहीं मन गया जिसकी वजह से एक और घटना देखने को मिला सब से बड़ी बात यह है की ऐसी प्रस्थि क्यों बन जा रहे है जिसके वजह से छात्र को ऐसी कदम उठाने पड़ रहे है अभी कोटा पुलिस जाँच में जुटी हुवी है धीरे धीरे पता चल जाएग इसके पीछे की वजह’क्या रही होओगी ,