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राजनैतिक ‘तलाक’ के बाद पहली बार मिले लालू-नीतीश, तेजस्वी के सामने 2024 .

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एएनआई, पटना। बिहार में JDU और RJD के महागठबंधन की सरकार में टूट और JDU -BJP की नई सरकार बनने के बाद बृहस्पतिवार को पहली बार लालू यादव और नीतीश कुमार का एक-दूसरे से सामना हुआ लालू-नीतीश।

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इस दौरान लालू के साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। समर्थकों की नारेबाजी के बीच दोनों नेता एक-दूसरे से मुस्कुराकर मिले राजनीती में टूट हो सकती है लेकिन लालू नितीश के दोस्ती के रिस्तो में नहीं यही देखने को मिला जब दोनों आमने सामने थे लालू-नीतीश.

लालू-नीतीश की जोड़ी कब से साथ

लालू यादव और नीतीश कुमार दो ऐसे राजनीतिक नेता हैं जो बिहार राज्य के राजनीतिक स्तर पर बहुत लंबे समय तक प्रभावी रहे हैं। उनका साझा राजनीतिक सफर और उनके राजनीतिक क्षेत्र में योगदान की अहमियत को समझने के लिए, हमें उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को देखने की आवश्यकता है।

लालू यादव, जिनका जन्म 11 जून 1948 को बिहार के फटेहपुर गाँव में हुआ था, एक प्रसिद्ध भारतीय राजनेता हैं जो बिहार की राजनीति में बहुत प्रभावी रहे हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए लड़ा और बड़े पैमाने पर किसानों और गरीब लोगों की प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला और 1997 तक उन्होंने इस पद पर कार्य किया। उनकी राजनीतिक पारीक्षा 1997 में हुई जब राज्य के विकास को लेकर कई सवाल उठे और उन्हें 2005 में उपेक्षित कर दिया गया।

नीतीश कुमार, जो 1 मार्च 1951 को बिहार के नलंदा जिले के बाकियापुर गाँव में जन्मे थे, एक औद्योगिक और अध्यापक के पुत्र थे। उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की, लेकिन बाद में उन्होंने राजनीतिक दल बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने नितिश कुमार के नाम से एक राजनीतिक दल बनाया और 2005 में वे बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने अपने कार्यकाल में राज्य के विकास के लिए कई योजनाएं और परियोजनाएं शुरू की।

लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों ही विभिन्न राजनीतिक दलों के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। लालू यादव राष्ट्रीय जनता दल (राष्ट्रीय) और नीतीश कुमार जनता दल (युनाइटेड) के प्रमुख थे। लालू यादव की राजनीतिक करियर की शुरुआत 1977 में हुई जब वह लोकसभा सांसद बने। वह बाद में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाले और 1990 में वह उप्राष्ट्रपति पद की भी निर्वाचित हुए। उन्होंने राजनीतिक जीवन में कई विवादों का सामना किया और 2013 में उन्हें फोड़ी गई जेल की सजा काटनी पड़ी।

एक दूसरी ओर, नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत छोटे स्तर पर की और फिर 1985 में वह बिहार विधानसभा के सदस्य बने। उन्होंने बिहार की राजनीति में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जैसे कि उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री। उन्होंने अपने कार्यकाल में बिहार के विकास के लिए कई योजनाएं और परियोजनाएं शुरू की।

लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों ही बिहार के राजनीतिक क्षेत्र में अपना अद्वितीय स्थान बनाया है। उनके कार्यकाल में राज्य के विकास के लिए कई योजनाएं और परियोजनाएं शुरू की गईं हैं, जिससे बिहार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। इन दोनों नेताओं ने बिहार की राजनीति को नई दिशा दी है और लोगों के बीच एकता और सहयोग की भावना को मजबूत किया है।

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