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लालकृष्ण आडवाणी की सबसे चौंकाने वाली तथ्य जो आपको हैरान कर देंगे

लालकृष्ण आडवाणी
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लालकृष्ण आडवाणी एक भारतीय राजनेता है जो भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के सह संस्थापक और एक प्रमुख नेता रहे हैं। उनका जन्म ३१ अक्टूबर १९२७ को हुआ था और वे विशेषकर रामजी आडवाणी के रूप में मशहूर हैं। इन्होने भारत राजनीती में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है आप सभी लोग इनसे और इनके काम से अवगत होंगे स्वर्गीय अटल विहारी बाजपेयी जी के साथ इन्होने काफी समय दिया और देश के लिए कई प्रमुख काम कए।

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लालकृष्ण आडवाणी का जन्म

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म सिंध प्रांत के करची (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनका पूरा नाम लालकृष्ण राजकुमार आडवाणी था। उनका परिवार एक साधुपरिवार था और वे अपने बचपन में वेदों और संस्कृत भाषा में शिक्षा प्राप्त करते रहे कहते है आज उनको याद अति है पाकिस्तान में उनके घर की जहा एक बक्सा आज वही रखा हुवा है बटवारे का सुना था कई मूवी में देखा लेकिन जिन्होंने इस बटवारे को झेला है उनकी तकलीफ वही जान सकते है आज के समय में जो नॉन मुस्लिम पाकिस्तान ‘में रह गए थे उनको काफी पीड़ा का सामना करना पड़ता है उनमे से एक लाल कृष्णा आडवाणी जी रहे है ।

लालकृष्ण आडवाणी की शिक्षा

आडवाणी ने अपनी शिक्षा की शुरुआत करची में की और बाद में करची विद्यालय से विशेषज्ञता प्राप्त की। उनका रुचि क्षेत्र राजनीति में था, और वे बहुत युवा आयु में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) में शामिल हो गए। उनका यह समय उनके जीवन की एक महत्वपूर्ण टर्निंग प्वाइंट था, जिसने उन्हें राजनीति की ओर प्रवृत्त किया।

आडवाणी ने पहले स्वतंत्रता सेनानी और एक प्रमुख राजनेता के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक पदों पर कार्य किया और अपनी कठिनाईयों के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से लोगों का समर्थन जीता

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१९५७ में, आडवाणी ने भारतीय जनसंघ (भा.ज.सं.) की स्थापना की, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में समाहित हो गई। उन्होंने भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विभिन्न संघटनों के नेतृत्व में रहे।

१९९० में, लालकृष्ण आडवाणी ने भारतीय जनता पार्टी के सह-संस्थापक और विशेष योजना उपमुख्यमंत्री के रूप में अहम कर्तव्यों को निभाने का संकल्प किया। उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तनों के साथ-साथ अर्थतंत्र के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

लालकृष्ण आडवाणी को भारत सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें पद्म विभूषण, भारत रत्न, और पद्म भूषण शामिल हैं। उनके उदाहरणीय नेतृत्व और देशहित में किए गए समर्पण के लिए उन्हें लोग एक महान राजनेता के रूप में स्मरण करते हैं।

भारत रत्न की वैल्यू

  1. सामाजिक पहचान: भारत रत्न की प्राप्ति से व्यक्ति समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करता है। यह उसकी सामाजिक पहचान में वृद्धि करता है और उसे समाज के सबसे ऊचे स्तरों में उच्चता प्रदान करता है।
  2. राष्ट्रीय गर्व: भारत रत्न की प्राप्ति से व्यक्ति राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार, शिक्षा, विज्ञान, कला, साहित्य, और सामाजिक सेवा क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित होता है। यह राष्ट्र को गर्वित और समर्थन करने का कारण बनता है।
  3. प्रेरणा स्रोत: भारत रत्न की प्राप्ति एक प्रेरणा स्रोत होती है, जिससे दूसरे लोगों को भी उच्चता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। यह युवा पीढ़ियों को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा प्रदान करता है।
  4. सामाजिक सेवा में योगदान: भारत रत्न के प्राप्तकर्ताओं का अक्सर सामाजिक सेवा में योगदान होता है। यह सम्मान उन्हें समाज के लाभ के लिए सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रेरित करता है।
  5. सरकारी सहायता: भारत रत्न से सम्मानित व्यक्तियों को सरकार से विभिन्न सुविधाएं और सहायता मिलती हैं जो उन्हें उनके कार्यों में और बेहतर सेवा करने में सहायक हो सकती हैं।

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