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Lakshadweep vs Maldives
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PM नरेन्द्र मोदी के लक्षद्वीप यात्रा के बाद भारत और मालदीव (Lakshadweep vs Maldives) के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है और ये विवाद #boycottmaldives लगातार सोशल मीडिया पर बढ़ता जा रहा है जिसमे मालदीव के कई नेताओ का नाम भी आ रहा है मालदीव चीन के बढ़ते रिश्ते भी इसमें भूमिका अदा कर रहे है आइए आपको बताते है की क्या है आखिर पूरी बात

PM मोदी का लक्षद्वीप दौरा

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2 जनवरी को अपनी लक्षद्वीप यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप की अप्रकट क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा की “ये कई सम्भावनाओ से भरा” हुआ है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दिन पहले लक्षद्वीप के दौरे पर गए थे इस दौरान उन्होंने अपनी कई लक्षद्वीप की फोटोज सोशल मीडिया पर साझा की तब से सभी मालदीव्स को छोड़ लक्षद्वीप का रुख अपनाने लगे है PM मोदी ने भी लोगो से लक्षद्वीप आने को कहा हर साल भारत से एक बड़ी संख्या में लोग मालदीव्स घूमने को जाते है लेकिन मालदीव की नयी सरकार मुइज़्ज़ु के आने के बाद से दोनों देशो के बीच रिश्तो मे बदलाव देखने को मिल रहा है नयी मुइज़्ज़ु सरकार ने अपने चुनावी अभियान मे #indiaoutcampain का नारा भी दिया था ऐसे मे जब मालदीव के जगह लक्षद्वीप जाने का सिलसिला तेज हुआ तो मालदीव की तरफ से भी प्रतिक्रिया आनी शुरू हुई

किसके बयानों से भड़का मालदीव विवाद ?

मालदीव सरकार की मंत्री Mariyam Shiuna ने तो pm मोदी की तस्वीरों पर अप्पतिजनक टिपण्णी भी की बाद में उन्होंने अपना एक ट्वीट डिलीट भी किया जिसमे उन्होंने मोदी जी पर अप्पतिजनक बाते कही थी यहाँ तक की इन्होने अपने एक ट्वीट में ये भी लिखा की “मालदीव को भारतीय सेना की कोई जरुरत नहीं है ” इस पर मालदीव सरकार ने सफाई देते हुए अपनी स्तिथि को साफ़ दिखाने का प्रयास करते हुए कई दलील भी पेश की

मालदीव के अन्य दो नेताओ का नाम भी इसमें शामिल है हालांकि इस सब के बाद से पीएम मोदी और भारत पर अप्पतिजनक टिप्पणी करने वाले मंत्रियो को मालदीव सरकार ने निलंबित कर दिया है
इन टिप्पणियों पर भारत के साथ ही मालदीव के कुछ अन्य नेताओ के ओर से भी प्रतिक्रियाय देखने को मिल रही है

मालदीव के बारे में जाने

भारत से मालदीव जाना बहुत आसान है केवल 750km की दूरी पर है मालदीव


मालदीव भारत के लिए एक वीज़ा फ्री है जबकि लक्षद्वीप जाने के लिए परमिट लेना आवशयक होता है
मालदीव 1200 द्वीपो का एक समूह है जो भारत के दक्षिण पश्चिम में है मालदीव की आबादी केवल 5 लाख करीब है
ये अपने चारो ओर से समुंदर से घिरा हुआ है जलवायु परिवर्तन के कारण इस पर खतरा भी बना हुआ है

इस देश की अर्थव्यवस्था यहाँ के आने वाले पर्यटकों पर टिकी हुई है , अर्थव्यवस्था में एक चौथाई से अधिक हिस्सा पर्यटन से आता है
कोरोना टाइम पर मालदीव में आने वाले पर्यटक की संख्या में कमी आये जिससे इसे बड़ा नुकसान देखने को मिला मालदीव जाने वाले सबसे अधिक पर्यटक भारत से ही होते है

लक्षद्वीप के बारे में

लक्षद्वीप भारत का केंद्र शासित प्रदेश है

ये भारत के शहर कोच्चि से केवल 440km दूर है
ये 36 छोटे द्वीपो का समूह है यहाँ की पूरी आबादी 64000 करीब है

इसमें 10 द्वीप ऐसे है जो बसे हुए है जिनमे कवरत्ती,अमिनी ,कदमत,चेतलात, अनद्रोह,और अन्य है

यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है
यहाँ के लोगो की कमाई का जरिया मछली पकड़ना है साथ ही यहाँ नारियल की खेती भी की जाती है

मोदी जी के लक्षद्वीप दौरे के बाद से यहाँ पर्यटन काफी बढ़ा है जिससे अर्थव्यवस्था में भी एक बड़ा योजना देखने को मिल रहा है जो आगे जाकर और बढ़ेगा Read more:

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