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Ram Mandir : राम मंदिर की ये 20 विशेषताएं आपको कर देंगी हैरान

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Ayodhya Ram Mandir अयोध्या मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम जी की जन्मभूमि है अयोध्या को अथर्व वेद में ईश्वर का नगर बताया गया है इसके सम्पनता की तुलना स्वर्ग से की गयी है भारत की सप्त पूरियों में अयोध्या का स्थान प्रथम है महाराजा श्री मनु द्वारा अयोध्या को बसाया गया था इसके बाद उन्होंने अपने पुत्र इक्ष्वाकु को यहाँ का पहला राजा बनाया कई शताब्दियों तक यहाँ

Ayodhya Ram Mandir
राजा राम की वंशावलियाँ चली इसके बढ़ यहाँ मौर्याकाल और इसके बाद शुंगकाल के राजाओ ने अयोध्या का पुनः उत्थान किया राम मंदिर स्थान की खुदाई के दौरान भी यहाँ बहुत से प्रमाण मिले जिनमे सबसे पहला प्रमाण शुंगकाल का मिला जो लगभग 2200 वर्ष पुराना बताया गया है राजा गोविन्द चंद के समय में बहुत से विशाल मंदिरो का निर्माण किया गया जिनमे से अयोध्या का राम लाला का मंदिर भी है

Ram Mandir:प्रसिद्ध मंदिर और स्थान

Ram Mandir:प्रसिद्ध मंदिर और स्थान सरयू नदी के तट पर बसी भारत के प्राचीन नगरियों में से एक अयोध्या भी है जो घाटों और मंदिरो के साथ अपनी धार्मिक प्रवर्ति के कारण पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध है अयोध्या के ख्याति की बात करे तो सबसे पहले कनक भवन का नाम आता है कनक यानि सोने से बना घर यहाँ श्रीराम और माता सीता विराजमान है जिनके सिर पर सजा सोने का मुकुट की शोभा देखते ही बनते है कारीगरों द्वारा बड़े ही महीन तरीके से मुकुट की साजो सज्जा की गए है

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राम की पौड़ी अयोध्या का आकर्षण बिंदु है ये ठीक उसी प्रकार है जैसे हरिद्वार में हरी की पौड़ी है
शास्त्रों के अनिसार ऐसा बताया जाता है की यही श्री राम ने जल समाधि ली थी राम की पौड़ी के पास ही भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है जिससे नागेश्वरनाथ के नाम से जाना जाता है ऐसा कहा जाता है की इसका निर्माण भगवान श्रीराम की छोटे पुत्र कुश ने एक नाग कन्या के लिए करवाया था

hanuman garhi


अवध के नबाब द्वारा भी यहाँ एक हनुमान जी के मंदिर का निर्माण करवाया गया जो पर्वत की चोटी पर स्थित है यहाँ जाने के रास्ते में 76 सीढ़ियाँ बनवायी गए है यहाँ का विश्व प्रसिद्ध नाम हनुमान गढ़ी भी है

हनुमान गढ़ी से 50 मीटर की दुरी पर दशरथ महल स्थित है राजा राम के पिता दशरथ का अस्तित्व इसी जगह से जुड़ा है ऐसा माना जाता है की राजा दशरथ द्वारा त्रेता युग में इस महल की स्थापना की गयी थी और वो अपने पुरे परिवार के साथ यही रहते थे रामकोट में स्तिथ इस स्थान को बड़ा महल के नाम से भी जाना जाता है

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अयोध्या के श्री मणिराम छावनी में वाल्मीकि भवन स्थित है जो अयोध्या में स्थित एक शानदार संरचना है जिसे पूरी तरह सफ़ेद संगमरमर से तैयार किया गया है अपनी सर्वश्रेष्ठ सुन्दर कलाकृतियों से भरपूर ये जगह निश्चित ही देखने लायक है यहाँ की दीवारों के पत्थरो पर रामायण के प्रसंगो को यथावत दर्शाया गया है जो एक अनूठी कलाकारी का नमूना पेश करती है
5 अगस्त 2020 राम मंदिर के इतिहास में यह तारीख सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी 1528 से 2020 तक लगभग 500 वर्ष के इतिहास में कई दौर आये जिनमे खास है 9 नवम्बर 2019 का वो दिन जब सुप्रीम कोर्ट के 5 जज की संविधानिक बेंच ने राम मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया
अयोध्या जमीन विवाद मामला देश के सबसे लम्बे चलने वाले केस में से एक रहा

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राम जनम भूमि के 70 एकड़ क्षेत्र में सत्संग भवन थिएटर और संग्रहालय के अलावा राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में बलिदान देने वाले सहीदो के स्मारक का एक नया शिलालेख भी लिखा जायेगा
राम मंदिर में कुल 5 शिखर और 12 द्वार होंगे मंदिर की लम्बाई 360 फ़ीट व चौड़ाई 235 फ़ीट है मंदिर के शिखर सहित ऊंचाई 161 फ़ीट तय है राम मंदिर में 3 तल बनाये गए है प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फ़ीट है मंदिर के भूतल में स्तंभो की संख्या 160 प्रथम तल में 132 व दूसरे तल में 74 स्तंभ होंगे जिसके अंतर्गत 2.7 एकड़ में मुख्य मंदिर का निर्माण होगा
अयोध्या दुनिया के पहली आध्यात्मिक स्मार्ट सिटी बनने जा रही है 2051 यानि 30 वर्षो में अयोध्या का नाम दुनिया के पहली स्मार्ट सिटी में दर्ज हो जायेगा watch now

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